tag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post2663269521305076126..comments2024-01-05T14:15:07.745+05:30Comments on KISHORE CHOUDHARY: परदे के पार चिड़िया के सी http://www.blogger.com/profile/03260599983924146461noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-55258778294654028392015-03-18T17:34:18.181+05:302015-03-18T17:34:18.181+05:30ताना बाना बहुत बढ़िया रहा.ताना बाना बहुत बढ़िया रहा.Madabhushi Rangraj Iyengarhttps://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-71792532833062063822015-03-10T17:11:08.311+05:302015-03-10T17:11:08.311+05:30आज के समय में बहुत सारी बीमारियां फैल रही हैं। हम ...आज के समय में बहुत सारी बीमारियां फैल रही हैं। हम कितना भी साफ-सफाई क्यों न अपना लें फिर भी किसी न किसी प्रकार से बीमार हो ही जाते हैं। ऐसी बीमारियों <br /><br />को ठीक करने के लिए हमें उचित स्वास्थ्य ज्ञान होना जरूरी है। इसके लिए मैं आज आपको ऐसी Website के बारे में बताने जा रहा हूं जहां पर आप सभी प्रकार की <br /><br />स्वास्थ्य संबंधी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।<br />Read More Click here...Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02316653981162308842noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-51395486781171924062014-10-08T13:56:24.533+05:302014-10-08T13:56:24.533+05:30वह अभी जागी थी. पिछली रात उसने दस घंटे किसी क्षोभ ...वह अभी जागी थी. पिछली रात उसने दस घंटे किसी क्षोभ और दुःख के बिना व्यतीत किये थे. उसको क्या चिंता सता रही थी, ये कहना इसलिए कठिन था कि वह अपनी असल परेशानी कभी खुद तय नहीं कर पाई.<br /><br />वह सब कुछ हार चुकी होती तो कितना अच्छा होता कि उदास चुप बैठी रहती या ज़िंदगी को ही हारा हुआ मान कर कहीं जाकर मर जाती. मगर वह हारी नहीं थी. वह अपने आप को हारता हुआ देख रही थी. चुप बैठे खुद को हारते हुए देखना, डा. गायत्री गुप्ता 'गुंजन'https://www.blogger.com/profile/04502207807795556896noreply@blogger.com