tag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post8492946621376236570..comments2024-01-05T14:15:07.745+05:30Comments on KISHORE CHOUDHARY: दोस्तों ब्लॉग छोड़ कर मत जाओ, कौन लिखेगा वक्त ऐसा क्यों है ?के सी http://www.blogger.com/profile/03260599983924146461noreply@blogger.comBlogger46125tag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-88526787590926252722016-03-26T21:14:11.525+05:302016-03-26T21:14:11.525+05:30हम तो आज भी चुन चुन के पुरानी पोस्ट्स पढ़ते हैं इधर...हम तो आज भी चुन चुन के पुरानी पोस्ट्स पढ़ते हैं इधर उधर से... :)Shekhar Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02651758973102120332noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-20169651182277852112009-12-23T23:04:38.653+05:302009-12-23T23:04:38.653+05:30जी किशोर जी हम सभी चाहते हैं अच्छे लोग ब्लॉग जगत स...जी किशोर जी हम सभी चाहते हैं अच्छे लोग ब्लॉग जगत से जुड़े रहे .....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-81411551591804535362009-12-22T12:26:55.750+05:302009-12-22T12:26:55.750+05:30क्षमाप्रार्थी हूँ ब्लॉग पर देर से आने के लिए कुछ स...क्षमाप्रार्थी हूँ ब्लॉग पर देर से आने के लिए कुछ समयाभाव था.एक बहुत अच्छी पोस्ट . हर शब्द अपनी दास्ताँ बयां कर रहा है आगे कुछ कहने की गुंजाईश ही कहाँ है बधाई स्वीकारेंरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-9830613589939601362009-12-21T01:57:04.855+05:302009-12-21T01:57:04.855+05:30उम्मीद करती हूँ आपकी वेदना और विनती के समक्ष वो भ...उम्मीद करती हूँ आपकी वेदना और विनती के समक्ष वो भी पिघलें जिनके लिए आपने पोस्ट लिखी है..<br />ऑर्थर नोर्त्जे की जिगर भेदती सिफारिश को तो कोई कैसे ठुकरा सकता है?neerahttps://www.blogger.com/profile/16498659430893935458noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-52462051097696854682009-12-20T19:39:13.308+05:302009-12-20T19:39:13.308+05:30ni:sandeh BEHTREEN post...ni:sandeh BEHTREEN post...योगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-82734124016343898172009-12-19T14:09:54.036+05:302009-12-19T14:09:54.036+05:30मुझे विशवास है नंदिनी वापस आएंगी.ब्लॉग जगत में अभि...मुझे विशवास है नंदिनी वापस आएंगी.ब्लॉग जगत में अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता का दुरूपयोग किया जा रहा है पर जूं के के डर से घाघरा उतार देना बुद्धिमता नहीं कही जायेगी.पोस्ट अच्छी लगी.प्रकाश पाखीhttps://www.blogger.com/profile/09425652140872422717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-15717838661374603362009-12-18T07:01:36.993+05:302009-12-18T07:01:36.993+05:30बढ़िया पोस्ट
समृद्ध भाषा शैली
लम्बा लेख था शुरू कि...बढ़िया पोस्ट<br />समृद्ध भाषा शैली<br />लम्बा लेख था शुरू किया तो पूरा पढ़ गया<br />एक बार नहीं दुबारा भी पढ़ा<br />अच्छा लगा यहाँ आकर।<br />हिन्दी ब्लोगिंग में बहुत से अच्छे लोग हैं<br />यह हमारी नादानी है कि हमारा सारा ध्यान<br />लंपट ही खींच लेते हैं।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-59439255015474595502009-12-17T20:26:40.538+05:302009-12-17T20:26:40.538+05:30In halaton main isse behterin post nahi ho sakti t...In halaton main isse behterin post nahi ho sakti thi,<br /><br />Cheezon ko dekhne ka nazariya aur unhein abhivyakt karna dono ek saath hona ek hi vyakti main hatprabh karta hai.<br /><br />Jaisa main kaha tha 'Samayik' vishaya main likhi ab tak ki sabse behterin post jo kai logon ko ki aankhein num kar gayi (Unki bhi jo emotionless hone ka jhoota natak karte hain)<br /><br />;)<br />(I दर्पण साहhttps://www.blogger.com/profile/14814812908956777870noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-2966452412061164872009-12-17T17:39:06.875+05:302009-12-17T17:39:06.875+05:30अंग्रेजी में जिसे कोर्ण(ठल्ला) कहते हैं,वही तो नही...अंग्रेजी में जिसे कोर्ण(ठल्ला) कहते हैं,वही तो नहीं हुआ है पैर में,जिसमे की गोल सी चमड़ी इतनी सख्त हो जाती है,कि चलते वक़्त कांटे सी जबरदस्त चुभन होती है ??यदि यही है तो, दवाइयों की दूकान में कोर्न कैप (बैंड ऐड जैसा) मिलता है..जिसे ठल्ले वाले जगह में लगातार बदल बदल कर दो तीन महीने लगाने पर वह सख्त मांस फिर से नरम पड़ जाता और अलग से कोई शल्य क्रिया नहीं करवानी पड़ती... मैंने इसे आजमाया था...यदि यही रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-63893929336541032252009-12-17T09:30:19.516+05:302009-12-17T09:30:19.516+05:30हमारी नस्लों में अगर रेत के जींस होंगे तो वे भी को...हमारी नस्लों में अगर रेत के जींस होंगे तो वे भी कोई नया ठिकाना ढूंढ लेगी, जहाँ आदमखोर दैत्याकार मशीनों का शोर नहीं होगा और कोई कोस भर दूर हवा में लहराते हुए कपडे को देख कर मन हुलस उठेगा. मुझे ये गहरा एकांत पसंद है लेकिन इन दिनों में रेगिस्तान का चेहरा बदलता रहा है और मैं भीतर से टूटता. सच तो ये है कि पापा के जाने से मेरी नीव तिड़क गई है और उसका असर अब बाहर दीख रहा है.<br />aapki pair ki samasya neelamhttps://www.blogger.com/profile/00016871539001780302noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-50546585668807291182009-12-16T20:09:30.226+05:302009-12-16T20:09:30.226+05:30हमारी भी उपस्थिति समझी जाए!!!!
वैसे आपके तरीके ने...हमारी भी उपस्थिति समझी जाए!!!!<br /><br />वैसे आपके तरीके ने प्रभावित किया तो रह ना सका बिना <a href="http://chitthacharcha.blogspot.com/2009/12/blog-post_12.html" rel="nofollow">चर्चा</a> किये|प्रवीण त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/02126789872105792906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-63429844066055721182009-12-16T16:13:30.320+05:302009-12-16T16:13:30.320+05:30आपकी अंतिम लाइनें मन को छू गयीं, वाकई हिन्दी ब्लॉग...आपकी अंतिम लाइनें मन को छू गयीं, वाकई हिन्दी ब्लॉगिंग में सिर्फ लम्पट ही नहीं बचे रहने चाहिए।<br />आशा है आपकी आवाज रंग लाएगी।<br /><br />--------<br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">छोटी सी गल्ती जो बडे़-बडे़ ब्लॉगर करते हैं।</a><br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">क्या अंतरिक्ष में झण्डे गाड़ेगा इसरो का यह मिशन?</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-76800929530562252862009-12-16T06:49:24.806+05:302009-12-16T06:49:24.806+05:30आपने अपने मन की बात कही. पिता जी का जाना हर बेटे क...आपने अपने मन की बात कही. पिता जी का जाना हर बेटे के लिए दुखद है. मगर संभालना तो होता है. जीवन इसी का नाम है. आपका लेखन देख आप सुलझे हुए लगते हैं, निश्चित ही इस गहन दुख से उबर पायेण्गे. मेरी शुभकामनाएँ एवं पिता जी की आत्मा की शांति हेतु परम पिता से प्रार्थना.<br /><br />बाकी की विषय वस्तु-क्या कहा जाये किन्तु लेखनी आपकी प्रभावित करती है एवं बाँधे रखने में सक्षम है. पूरा ध्यान से अक्षरशः पढ़ा.<br />Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-219006434797020202009-12-16T06:17:12.343+05:302009-12-16T06:17:12.343+05:30अद्भुत लिखते हैं आप -अन्यथा कोई इतनी लम्बी ब्लॉग ...अद्भुत लिखते हैं आप -अन्यथा कोई इतनी लम्बी ब्लॉग पोस्ट एक ही सांस में नहीं पढ़ लेता !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-8247001565191038702009-12-16T04:11:18.032+05:302009-12-16T04:11:18.032+05:30हम सभी को रोचक सपने आते रहे हैं, कभी-कभार कुछ याद ...हम सभी को रोचक सपने आते रहे हैं, कभी-कभार कुछ याद भी रह जाता है और अक्सर सब भूल ही जाते हैं. कभी-कभी तो भूल जाने की प्रक्रिया याद रखने से पहले ही हो जाती है. मगर आपने उसे याद रखा और इतनी कुशलता से हम तक पहुंचाया. जब यह टिप्पणी लिखने लगा तो वह इतनी बड़ी हो गयी कि एक पोस्ट ही बन गयी. संभव हो तो <a href="http://pittpat.blogspot.com/2009/12/blog-post_15.html" rel="nofollow">यहाँ क्लिक करके पढ़ लेना</a>Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-78716225666861621912009-12-15T02:03:02.053+05:302009-12-15T02:03:02.053+05:30one child cried when hi had no shoes ,suddenly hi ...one child cried when hi had no shoes ,suddenly hi stopped crying when he saw a man without leg ....<br />life is full of blessings, sometimes we don't "understand" it<br />aapki itni rachna padhi magar itna peecha kisi ne nahi kiya jitna is lekh ki kuchh baton ne ,khalbali macha rahi hai ,shayad jo maine dekha yaa mahsoos kiya wo kisi ne dekha nahi yaa kaha nahi aur hum kahne me ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-56594995590243937532009-12-14T22:23:05.090+05:302009-12-14T22:23:05.090+05:30भावनाओं और संभावनाओं से भरपूर पोस्ट,
जाना किसे सु...भावनाओं और संभावनाओं से भरपूर पोस्ट,<br />जाना किसे सुहाता है, लेकिन जाना शाश्वत है,<br />हां, बीच राह में छोड़कर जाना अखरने वाला होता है।<br /><br /><br />ब्लाग जगत में अच्छे लोग हैं और रहेंगे। जाने वाले भी कभी-कभी लौटकर आ जाते हैं, शायद दूसरे रूप में।दुलाराम सहारणhttps://www.blogger.com/profile/05761692338969730334noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-57192674040768650122009-12-14T18:11:53.719+05:302009-12-14T18:11:53.719+05:30यहाँ से आ कर वापस जाना मुश्किल है ...मेरा तो यही म...यहाँ से आ कर वापस जाना मुश्किल है ...मेरा तो यही मानना है ..ब्रेक लिया जा सकता है पर पूर्ण रूप से न आ पाना असम्भव है ..यही सब होंगे यह मन का विश्वास है ..रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-31937547189921947982009-12-14T14:00:10.361+05:302009-12-14T14:00:10.361+05:30एक कोने में खड़े होंकर देख रहे है सबको.. और पहचान भ...एक कोने में खड़े होंकर देख रहे है सबको.. और पहचान भी रहे है..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-30619473650097685282009-12-14T12:20:11.070+05:302009-12-14T12:20:11.070+05:30पिता जी के बारे में जो भी लिखा वो हृदय छूने वाला थ...पिता जी के बारे में जो भी लिखा वो हृदय छूने वाला था? आपके व्यक्तित्व के संवेदनशील कोने से परिचय करवाने वाला। <br /><br />बाकि मन थोड़ा अशांत है तो बिंबों में स्थिर नही हो पा रहा।<br /><br />ब्लॉगजगत की उथल पुथल पर मेजर साब के ब्लॉग पर मन की बातें लिखी हैं....! फिर क्या दोहराऊँकंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-88011069296793692602009-12-13T19:30:35.542+05:302009-12-13T19:30:35.542+05:30in a day ,when you don't come across any prob...in a day ,when you don't come across any problems -you can be sure that you are traveling in a wrong path ....ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-27977383517347340512009-12-13T12:48:11.421+05:302009-12-13T12:48:11.421+05:30dil ki baat dil tak pahunchi.......
uttam aalekh ...dil ki baat dil tak pahunchi.......<br /><br />uttam aalekh !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-50678298975497690002009-12-13T10:19:09.820+05:302009-12-13T10:19:09.820+05:30किशोर
पिता पेड़ सरीखे होते हैं .घनी छाया , हरियाल...किशोर <br />पिता पेड़ सरीखे होते हैं .घनी छाया , हरियाली और फलों से भरे .और पंछी सरीखे हम . <br />जो उनकी मजबूत टहनियों , शाखाओं, फूलों, पत्तों के बीच ,बना लेते हैं अपने घौंसले .हर डर से हो कर निडर .जब वे पेड़ नहीं रहते .गिर जाते हैं तो उनकी यादों के साथ रहना हमारी विवशता बन जाती है .जीना इस लिए पड़ता है कि अब हमें पेड़ बनना है .कि अब पिता बनना है इसलिए कि कई जोड़ी आँखें हमारी राह तकती हैं औरpadmja sharmahttps://www.blogger.com/profile/13769345678224469008noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-11539809513233504992009-12-12T21:52:01.020+05:302009-12-12T21:52:01.020+05:30लोग आते हैं, जाते हैं
किसी के लिये कोई रुकता है कह...लोग आते हैं, जाते हैं<br />किसी के लिये कोई रुकता है कहां?पंकजhttps://www.blogger.com/profile/05230648047026512339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5545871872139158775.post-70257373412991993952009-12-12T18:07:52.742+05:302009-12-12T18:07:52.742+05:30ब्लॉग एक खतरनाक माध्यम है। इससे बहुत ज्यादा उम्मीद...ब्लॉग एक खतरनाक माध्यम है। इससे बहुत ज्यादा उम्मीद न रखें। इसके जरिए कुछ लोग अगर आपके सीधे संपर्क में आ सकें तो बहुत अच्छा। वरना समझ लें कि अपना संदेश बोतल में बंद करके आपने समुद्र में फेंक दिया। कोई पढ़ ले तो ठीक, न पढ़े तो कोई बात नहीं। किसी का जवाब आ जाए तो खुदा की नेमत, और न आए तो भी ऐसा क्या हो जाएगा। आपका तो जो होना है, वह अपनी ही रफ्तार से होगा।चंद्रभूषणhttps://www.blogger.com/profile/11191795645421335349noreply@blogger.com